
अविरा बेचारी परेशान हो गई थी क्योंकि उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था कि जिस तरह से एकाग्र की हरकतें थीं शायद ही वो यहां पर और ज्यादा टिक पाती। लेकिन उसे टिकना था अपनी मां के लिए और अपने भाई के लिए। अभी तक उसे कुछ पता नहीं चल रहा था और उसे पता भी करना था। सिर्फ एकाग्र ही उसके पास ऐसा रास्ता था जो सीधा था, जिसके ऊपर चढ़कर वो सब कुछ हासिल कर सकती थी। हां, भले इसके पहले उसे रिलाइज नहीं हुआ था लेकिन जितने दिन से वो इस घर में रह रही थी उसे इतना तो पता चल गया था कि वो कुछ भी कर सकती थी। घर में रहकर जो कुछ भी हुआ था गुलनाज के घर पर उसके बाद एकाग्र ही उसे यहां पर लेकर आया था।

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