
माहिरा बस संजय को देखकर उसे इशारे कर रही थी कि वो जल्दी से आए, वो ज्यादा देर इंतजार नहीं करेगी। संजय ने भी तुरंत गुलाब का एक फूल उठा लिया, जिसके डंडे काफी बड़े थे और दूसरी तरफ मोर पंख जो बड़ा सा था उसे भी उठा लिया और फिर माहिरा के पास आकर पहले मोर पंख से उसके निपल्स को फेरने लगा। जैसे माहिरा को अपने निपल्स के ऊपर मोर पंख महसूस हो रहे थे तो वो पागल हो रही थी। वो एकदम से बोली, “मुझे हार्ड सेक्स करना है, लेकिन एकदम से नहीं करना है, थोड़ा सा लिमिट में करना, जो भी करना।”
संजय पास आते हुए बोला, “मतलब तुम समझ गई हो कि मैं तुम्हें मजबूर कर दूंगा अपने ऊपर उछलने के लिए।”




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