
इस वक्त अधीर की सांस बड़ी हुई थी इसलिए वो कुछ कह नहीं पा रहा था बस वो होश में आ गया था। वो देखकर अविरा खुश हो गई थी। वो एकदम से अधीर का चेहरा हाथों में भरते हुए बोली भाई भाई कुछ तो बोल भाई भाई कुछ तो बोलो प्लीज। ये कहते हुए वो अधीर के बालों में हाथ फेर रही थी। पहली बार इतने सालों के बाद उसने अधीर को इस हाल में देखा था—कम से कम उसे होश तो आया था।
लेकिन उसकी सांसे बड़ी हुई थीं इसलिए उसे ऑक्सीजन मास्क पहनाकर फिर से डॉक्टर ने इंजेक्शन दे दिया था। अविरा रो रही थी। एक तो पहले ही उसके हाथ-पैर काम नहीं कर रहे थे क्योंकि एकाग्र उसके साथ वाइल्ड हो रहा था, लेकिन अब तो अधीर को इस सिचुएशन में देखकर वो और रोने लगी थी। एकाग्र ने जब अविरा को इस तरह से रोते हुए देखा तो उसे पकड़कर अपने सीने से लगा लिया।




Write a comment ...